Wednesday 23 March 2011

कुछ बातें-2

कुछ बातें-२
                                       राधा कृष्णन ए.टी
                                    9581598715

मेरे प्रिय साथी

तू ही मेरा लोभ

तू ही मेरी छाया

तू ही मेरी पीड़ा

तू ही मेरी चिंता

तू ही मेरा अपराध बोध

तू ही मेरी आशा - निराशा

तू ही मेरी हताशा

तू ही मेरा अकेलापन

तू ही मेरी ऊब

मेरे प्रिय "दुःख"

आप जाना नहीं दूर

मेरा प्रिय मित्र

इसलिए मैं सन्यासी

नहीं तो मैं अहंकारी !!!

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